साहित्यिक दृष्टि से वेदों को विद्या की जननी कहा गया है। अतः विद्या वह है जो मानव में ज्ञान के साथ-साथ विनम्रता प्रदान करें। विद्या प्रदान करने हेतु निर्गत स्थान को विद्यालय कहा गया। तो इस दृष्टि से विद्यालय वेदों का पठन-पाठन का एक उपयुक्त स्थान है। इसी सत्यता को ध्यान में रखते हुए एक आदर्श विद्यालय ‘‘जगदीश प्रसाद आदर्श विद्या मन्दिर इण्टर काॅलेज’’ की स्थापना की गयी और निरन्तर प्रयास किया जा रहा है कि विद्यालय में ज्ञान अर्जित करने वाले विद्यार्थी सफल शिक्षार्थी के साथ-साथ एक व्यवहारिक एवं सांस्कारिक प्रवृत्ति रखें। इस कार्य को पूर्ण करने में हमारे आचार्यों का भरपूर सहयोग मिलता रहा है। इस वेबसाइट के माध्यम से मैं समस्त अभिभावक वर्ग तथा पुरातन छात्र-छात्राओं से निवेदन करूंगा कि विद्यालय की प्रगति हेतु समय-समय पर अपने सुझाव प्रेषित करते रहें तथा समय मिलने पर विद्यालय पधारने का भी प्रयास करें।
प्रणव कुमार, प्रबन्धक